वीडियो जानकारी:<br />शब्दयोग सत्संग,<br />२५ दिसंबर, २०१८<br />जयपुर<br /><br />प्रसंग:<br /><br />कागा सब तन खाइयो, चुन-चुन खाइयो माँस।<br />दोइ नैना मत खाइयो, पिया मिलन की आस।।<br /><br />अर्थ: हे काग ( कव्वा ) - तन के हर जगह का माँस खाना - पर आँखों का नहीं - क्योंकि मरने के बाद भी आँखों में पिया ( प्रभु ) मिलन की आस रहेगी ही रहेगी।<br /><br />~ बाबा शेख फ़रीद<br /><br />शेख फ़रीद को कैसे समझें?<br />पिया का वास्तविक अर्थ क्या है?<br />बाबा फ़रीद किसको पिया कह रहे हैं?<br />पिया से मिलन कैसे होगा?<br />परमात्मा से मिलने का क्या अर्थ है?<br />संतों को किस चीज़ की आस हमेशा रहती है?<br />जीव की सबसे गहरी प्यास कौन सी है?<br />क्या वियोग ही उस तक पहुँचाता है?<br /><br />संगीत: मिलिंद दाते